मैंने महसूस किया है कि इस ब्लॉग पर आने वाले ज्यादातर लोग हिन्दी टूलकिट के लिए आते हैं। स्वाभाविक ही है। पर एक समस्या और है, हिन्दी टूलकिट विंडोज XP के बाद के यानि नए संस्करणों (versions) के साथ ठीक से काम नहीं कर पाता। हालांकि कुछ दूसरे टूल भी हैं, जो उपयोग किये जा सकते हैं, लेकिन कितना अच्छा हो कि अगर विंडोज पर हिन्दी में काम करने के लिए किसी बाहरी सॉफटवेयर की जरूरत ही न पडे तो ? अगर ऐसा कभी आपके मन में भी आया है तो समझ लें कि ऐसा सोचने वाले आप दुनिया के पहले इंसान भले ही न हों, लेकिन वह जरूर हैं, जिसने हिन्दी कम्प्यूटिंग को एक सकारात्मक दिशा दी है। इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
तो इसी विचार पर आगे बढते हुए माइक्रोसॉफ्ट ने अपने “विंडोज” में सुधार करते हुए ही इसके आगामी संस्करण रिलीज किये। पर अभी भी एक समस्या है। दरअसल हम भारतीयों के साथ एक बहुत बडी परेशानी है, जिसके कारण अभी तक हम परेशान हैं। वह परेशानी है, खुद को ही सर्वश्रेष्ठ समझने की आदत। शायद यही वजह है कि टाइपराइटर यानि वही खट-खट वाली पुरानी टाइपिंग मशीन भले ही चलन से बाहर हो गई, फिर भी अभी तक एक मानक (Standard) टाइपिंग की-बोर्ड नियत नहीं किया जा सका। इसी परेशानी के कारण हम हिन्दी कम्प्यूटिंग उपयोक्ता अब तक परेशान हैं। हमें हिन्दी में कई प्रकार के की-बोर्ड लेआउट्स झेलने पड रहे हैं। भारत सरकार ने इन अघोषित झगडों का अंत करते हुए एक कीबोर्ड लेआउट जारी किया है, जिसे हम इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड कहते हैं। हालांकि मेरे जैसे बहुत से लोग अभी तक “रेमिंगटन कीबोर्ड” का ही प्रयोग कर रहे हैं, इसीलिए हमें अतिरिक्त सॉफ्टवेयर की जरूरत पडती है।
पर इतना काफी नहीं, असल में रेमिंगटन कीबोर्ड पर टाइपिंग सिखाने वाले लोग और संस्थान तो हर कस्बे-शहर में मिल जाते हैं पर इन्स्क्रिप्ट सिखाने वाले लाखों में ही मिलते हैं, पर इसके लिए भी सरकार की ही कुछ संस्थाओं ने काम किया है, और इन्स्क्रिप्ट सिखाने के लिए सॉफ्टवेयर जारी किये हैं, इनमें से एक का लिंक यहां दे रहा हूं, इसके बाद आपको विंडोज या लिनक्स पर हिन्दी लिखने के लिए किसी बाहरी सॉफ्टवेयर की मदद नहीं लेनी पडेगी।
ऐसे ही सॉफ्टवेयर्स में से एक का लिंक यह रहा। यहां क्लिक कर इसे डाउनलोड कर लें।